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सवाल- मेरी पत्नी के नाम बैंक में एफडीआर है और मेरे नाम एक मकान है। मैं अपनी पत्नी के नाम से उनका एफडीआर इनकैश कराए बिना एक प्लॉट खरीदना चाहता हूं। छह लाख के इस प्लाट के लिए मैं अपने खाते से रकम अदा करना चाहता हूं। क्या ऐसा करने पर मुझ पर कोई करदेयता बनेगी। क्या मैं अपनी पत्नी को उपहार के रूप में धन दे सकता हूं। यदि हां तो, अधिकतम कितनी रकम दी जा सकती है? मेरी पत्नी एक गृहणी हैं और हम दोनों ही आयकर रिटर्न भरते हैं।
जवाब- धारा 56 के अनुसार व्यक्ति अपने रिश्तेदारों को किसी भी सीमा तक बिना किसी करदेयता के उपहार दे सकता है। आपकी पत्नी इस परिभाषा में शामिल हैं। इसलिए आप अपनी पत्नी को गिफ्ट दे सकते हैं, परंतु यह याद रहे कि भविष्य में घर से होने वाली कोई भी आय आपकी आय में शामिल की जाएगी। इससे बचने के लिए आप अपनी पत्नी को घर खरीदने के लिए लोन दें।


सवाल- मुझे अपने पैन कार्ड में सरनेम बदलवाना है। इसकी प्रक्रिया क्या है और इसमें कितना शुल्क लगता है। यदि यह शुल्क चेक के जरिये देना हो तो चेक किसके नाम से काटा जाए और कहां भेजाजाए? -
जवाब- पैन कार्ड में किसी भी परिवर्तन के लिए आप request for new pancard or/and changes or correction in pan data फार्म भरें। इस फार्म को आप ऑनलाइन incometaxindia.gov.in की वेबसाइट पर भरकर प्रिंट की कॉपी, फोटो तथा परिवर्तन से संबंधित दस्तावेजों के साथ शुल्क के रूप में 94 रुपये का चेक या डीडी भेजना होगा, जोकि nsdl या pan के पक्ष में देय हो। इसे निमभन पते पर भेजें- इनकम टैक्स पैन सर्विस यूनिट, तृतीय तल, शेफायर चेंबर्स, बनेर टेलीफोन एक्सचेंज के पास, बनेर, पुणे- 411045 इसके लिए शुल्क का ऑनलाइन भुगतान ऑनलाइन आवेदन करते समय क्रेडिट या डेबिट कार्ड से या नेट बैंकिंग के जरिये भी किया जा सकता है।

सवाल- मुझे टैक्स गणना के बारे में एक जानकारी चाहिए। क्या एरियर पर लगने वाले टैक्स, जिसकी गणना हो चुकी है, वेतन पर कर निर्धारण के समय भी गणना में शामिल किया जाएगा? -
जवाब- वेतन पर टैक्स देय और प्राप्त, जो भी पहले हो, के आधार पर लगता है। यदि एरियर पर टैक्स दिया जा चुका है, तो उसे प्राप्ति के समय फिर से वेतन में शामिल कर टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
सवाल- मैं यह जानना चाहता हूं कि अगर मेरा बेटा होमलोन लेकर फ्लैट लेता है, तो क्या फ्लैट की रजिस्ट्री मेरे नाम से हो सकती है?
जवाब- फ्लैट की रजिस्ट्री आपके नाम पर हो सकती है, परंतु आयकर में गृह संपत्ति से संबंधित कोई भी कटौती इफेक्टिव ओनरशिप के आधार पर मिलती है। इसलिए आपके बेटे पूर्ण भुगतान पर कोई कटौती क्लेम नहीं कर सकेंगे।