चंडीगढ़। एक परिवार के लिए कितनी कारें चाहिए ?
चंडीगढ़ में बढ़ते वाहनों की समस्या से निपटने के लिए एक परिवार के लिए
क्या कारों की संख्या को
सीमित किया जा सकता है ? चंडीगढ़ के प्रशासक शिवराज पाटिल ने प्रशासक की
सलाहकार समिति की बैठक में वीरवार को यह सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि इस पर विचार करने की जरूरत है। एक परिवार में तीन कारें हो
सकती हैं उससे अधिक नहीं। पाटिल ने शहर
के विकास, स्वास्थ्य शिक्षा
और परिवहन से संबंधित करीब
सौ मुद्दे उठाए और सदस्यों से
इन पर गौर करने को कहा। सलाहकार समिति की अगली बैठक में इन मसलों पर
सदस्यों से राय मांगी गई है। अगली बैठक डेढ़ महीने बाद होगी।
पाटिल ने गैरेज के नीचे अंडर ग्राउंड पार्किंग की अनुमति का भी सुझाव दिया
और चंडीगढ़, पंचकू ला व मोहाली के लिए मिलकर योजनाएं बनाने की बात कही।
उन्होंने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी चिंता जताई और कई सुझाव दिए।
उन्होंने मोबाइल व ज्यादा पुलिस स्टेशन बनाने को कहा। कंट्रोल रूम को और
व्यवस्थित व मजबूत करने की भी सलाह दी।
प्रशासक ने शहर के आसपास रिंग रोड बनाने को कहा। साथ ही मेट्रो
परियोजना को भी जल्द पूरा करने का सुझाव
दिया। पार्किंग शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी चरचा की। उन्होंने मल्टी
स्टोरी पार्किंग बनाने और मार्केट में भी कारों की पार्किंग सीमित करने का
सुझाव दिया। बैठक में प्रशासक के सलाहकार, राज्यपाल के सचिव एमपी सिंह, गृह
सचिव अनिल कुमार, वित्त सचिव वीके सिंह, हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन
सत्यगोपाल, निगम की कमिश्नर प्रेरणा पुरी और आईजी पी श्रीवास्तव व डीआईजी
समेत कई अधिकारी मौजूद थे।