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दूध से भी संभव है कुछ रोगों का उपचार

 दूध एक अच्छी खुराक है। शिशु तो पहले-पहले केवल दूध पर निर्भर रहता है। धीरे-धीरे वह फलों के रसों तथा तरल पदार्थ पर लाया जाता है। हमें जीवन भर दूध की आवश्यकता रहती है। केवल पौष्टिकता अच्छी बुध्दि के लिए ही नहीं, अनेक रोगों को भगाने में भी दूध सहायक होता है। * यदि मुंह में, किसी भी कारण से, गर्मी में छाले पड़ जाएं, दिन में तीन बार कच्चे दूध से अच्छी प्रकार गरारे करें। * गाय का दूध उबाल लें। जब यह गुनगुना हो तो हिचकी में एक-एक चम्मच करके पिलाएं। हिचकी ठीक होगी। * गर्मी में खांसी हो तो बकरी का ताजा दूध पिएं। आराम मिलेगा। * गरम दूध पीने से कब्ज नहीं रहता। यदि कब्ज बहुत पुराना व कठोर हो तो बादाम रोगन एक चम्मच डालकर दूध पी लें। * दमे के दौरों से छुटकारा पाने के लिए दूध का सहारा लें। दस दाने मुनक्का लें। इन्हें कूट लें। एक पाव दूध लें। इसमें इतना ही पानी डालें। कुचले हुए मुनक्के इसमें डालें। उबालें। जब दूध एवं पानी की मात्रा आधी रह जाएं तो उतार लें। छानें। आधा तोला बादाम रोगन, एक तोला मिश्री तथा छह दाने काली मिर्च पीस लें। दूध में मिलाएं। यह रोग शांत कर देगा। पीने से सांस ठीक आंखों के अनेक रोगों से छुटकारा पाने के लिए कच्चे दूध को बिलोएं। मक्खन निकालें। अब इसे आंखों में डाले। बड़ा सुख मिलेगा। ड्रापर से डालें। * बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए गाय का दूध पिलाएं। साथ में छोटी इलायची भी खाने को दें। बच्चों की स्मरण शक्ति तीव्र हो जाएगी। * कान में फूंसी होने पर गाय के दूध की बूंदें डालें। आराम पाएंगे। * पेचिश के रोगी को दो-तीन दिन दूध पर रखें। यदि भेड़ का दूध मिल जाए तो एक ही दिन में आराम मिलेगा। * यदि कोई व्यक्ति दस्तों से परेशान हो, आराम न हो रहा हो, उसके लिए एक लीटर दूध उबालें। ठंडा करें। अब लोहे की एक छड़ लें। इसे आग पर गर्म कर लाल करें। चिमटे आदि की मदद से इसे दूध में डालकर ठंडा करें। यह क्रिया सात बार दोहराएं। अब मिश्री या शक्कर डालकर रोगी को पिलाएं। शीघ्र आराम आ जाएगा। * अक्सर नकसीर से परेशान रहते हों तो गधी का ताजा दूध लें।


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Harpreet Singh
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