पत्नी (पति से)- मेरी तो कोई संतान नही हैं
इसलिए सोचती हूं कि अपनी सारी जयदाद किसी साधू को दान कर दूं। ये सुनकर
पति उठकर जाने लगा। पत्नी- तुम कहां जा रहे हो? पति (गंभीरता से)-
साधू बनने।
पति (पत्नी से)- रात को सपने में एक चुड़ैल कभी मेरे आगे, कभी मेरे पीछे घूम रही थी। पत्नी (पति से)- कौन सा सपना था? पति- मेरी शादी का।
एक बार मुकेश अपनी पत्नी के साथ होटल में गया तभी एक महिला ने मुकेश से हैलो किया। पत्नी (मुकेश से)- कौन थी वो? पति- तुम दिमाग खराब मत करो, मैं पहले ही परेशान हूं कि वो भी यही पूछेगी।
यदि कोई पति कार का दरवाजा खोलकर खड़ा हो जाये और पत्नी से बैठने का आग्रह करे तो यह तय जानिये कि या तो कार नई है या पत्नी।
पति (पत्नी से)- मैं अभी साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा लूंगा। पत्नी (पति से)- क्या गजब करते हो, नई साड़ी है।
पति (पत्नी से)- रात को सपने में एक चुड़ैल कभी मेरे आगे, कभी मेरे पीछे घूम रही थी। पत्नी (पति से)- कौन सा सपना था? पति- मेरी शादी का।
एक बार मुकेश अपनी पत्नी के साथ होटल में गया तभी एक महिला ने मुकेश से हैलो किया। पत्नी (मुकेश से)- कौन थी वो? पति- तुम दिमाग खराब मत करो, मैं पहले ही परेशान हूं कि वो भी यही पूछेगी।
यदि कोई पति कार का दरवाजा खोलकर खड़ा हो जाये और पत्नी से बैठने का आग्रह करे तो यह तय जानिये कि या तो कार नई है या पत्नी।
पति (पत्नी से)- मैं अभी साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा लूंगा। पत्नी (पति से)- क्या गजब करते हो, नई साड़ी है।